तरीक़ याद है पहले से दिल लगाने का By Sher << जिस ज़ख़्म की हो सकती हो ... उस ने फिर कर भी न देखा मै... >> तरीक़ याद है पहले से दिल लगाने का उसी का मैं भी हूँ मजनूँ था जिस घराने का Share on: