तसल्लियाँ भी नहीं उन की छेड़ से ख़ाली By Sher << कट गया जिस्म मगर साए तो म... मुझे काफ़िर ही बताता है य... >> तसल्लियाँ भी नहीं उन की छेड़ से ख़ाली रुला के छोड़ते हैं वो हँसा हँसा के मुझे Share on: