तेरी आँखों तेरी ज़ुल्फ़ों का गिला कैसे उतारूँ By Sher << आ जाए कोई रंज मिटाने को क... मेरी आँखों का रात दिन रोन... >> तेरी आँखों तेरी ज़ुल्फ़ों का गिला कैसे उतारूँ तेरे होंटों पर सफ़र करता क़लम थकता नहीं है Share on: