तेरी यादों के लम्हे भी बेदर्द थे By Sher << कितने ही ज़ख़्म हरे हैं म... इक तजस्सुस दिल में है ये ... >> तेरी यादों के लम्हे भी बेदर्द थे तुझ को मुझ से चुराते रहे रात-भर Share on: