था मुझे वहम-ओ-गुमाँ की वो फ़क़त मेरी है By Sher << अहल-ए-हुनर के दिल में धड़... इक तअल्लुक़ था जिसे आग लग... >> था मुझे वहम-ओ-गुमाँ की वो फ़क़त मेरी है और उस ने भी भरम मेरा बनाए रक्खा Share on: