तिरा ख़याल भी तेरी तरह सितमगर है By Sher << पाऊँ तो इन हसीनों का मुँह... मैं बिस्तर-ए-ख़याल पे लेट... >> तिरा ख़याल भी तेरी तरह सितमगर है जहाँ पे चाहिए आना वहीं नहीं आता Share on: