तिरी शोख़ आँखों में बारहा कई ख़्वाब देखे हैं प्यार के By Sher << खोलीं वो दर किसी ने भी खो... सिवाए गुल के वो शोख़ अँखि... >> तिरी शोख़ आँखों में बारहा कई ख़्वाब देखे हैं प्यार के तिरा प्यार मेरा नसीब है किसी और को ये वफ़ा न दे Share on: