तू चला गया है तो शहर फिर वही दश्त-ए-ग़म है मिरे लिए By Sher << मिरी ज़िंदगी का हासिल तिर... तह कर चुके बिसात-ए-ग़म-ओ-... >> तू चला गया है तो शहर फिर वही दश्त-ए-ग़म है मिरे लिए वही मैं हूँ और मिरी ज़िंदगी मिरे आँसुओं में भरी हुई Share on: