तू क़ादिर ओ आदिल है मगर तेरे जहाँ में By Sher << मेरी आँख के तारे अब न देख... 'मुनीर' इस मुल्क ... >> तू क़ादिर ओ आदिल है मगर तेरे जहाँ में हैं तल्ख़ बहुत बंदा-ए-मज़दूर के औक़ात Share on: