'मुनीर' इस मुल्क पर आसेब का साया है या क्या है By Sher << तू क़ादिर ओ आदिल है मगर त... मैं मुद्दतों जिया हूँ किस... >> 'मुनीर' इस मुल्क पर आसेब का साया है या क्या है कि हरकत तेज़-तर है और सफ़र आहिस्ता आहिस्ता Share on: