तू किसी रेल सी गुज़रती है By Sher << कोई ऐसी दवा दे चारा-गर पीछे पीछे रात थी तारों का... >> तू किसी रेल सी गुज़रती है मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ Share on: