पीछे पीछे रात थी तारों का इक लश्कर लिए By Sher << तू किसी रेल सी गुज़रती है 'अंजुम' तुम्हारा ... >> पीछे पीछे रात थी तारों का इक लश्कर लिए रेल की पटरी पे सूरज चल रहा था रात को Share on: