तू किसी सुब्ह सी आँगन में उतर आती है By Sher << तुझ को छुआ तो देर तक ख़ुद... थोड़ी सी बारिश होती है >> तू किसी सुब्ह सी आँगन में उतर आती है मैं किसी धूप सा दालान में आ जाता हूँ Share on: