तूफ़ान-ए-ग़म की तुंद हवाओं के बावजूद By Sher << आतिश-ए-इश्क़ में जो जल न ... जल्वा-गर बज़्म-ए-हसीनाँ म... >> तूफ़ान-ए-ग़म की तुंद हवाओं के बावजूद इक शम-ए-आरज़ू है जो अब तक बुझी नहीं Share on: