तुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकती By Sher << ज़बान-ए-हाल से ये लखनऊ की... वहम ओ ख़िरद के मारे हैं श... >> तुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकती ख़ुद को इतनी भी अज़िय्यत नहीं दी जा सकती Share on: