तुझे दुश्मनों की ख़बर न थी मुझे दोस्तों का पता नहीं By Sher << तुम ही ने पाँव न रक्खा वग... ऐ ज़ाहिदो बातिल से क़सम ख... >> तुझे दुश्मनों की ख़बर न थी मुझे दोस्तों का पता नहीं तिरी दास्ताँ कोई और थी मिरा वाक़िआ कोई और है ---- ---- Share on: