तुम अपने चाँद तारे कहकशाँ चाहे जिसे देना By Sher << तुम जहाँ अपनी मसाफ़त के न... सुर्ख़ियाँ अख़बार की गलिय... >> तुम अपने चाँद तारे कहकशाँ चाहे जिसे देना मिरी आँखों पे अपनी दीद की इक शाम लिख देना Share on: