तुम दिए जाओ यूँही हम को हवा दामन की By Sher << लफ़्ज़ जब उतरा मिरी आँखें... कभी साया है कभी धूप मुक़द... >> तुम दिए जाओ यूँही हम को हवा दामन की हम से बेहोश नहीं होश में आने वाले Share on: