तुम हवस-परस्तों के सैंकड़ों ख़ुदा ठहरे By Sher << आओ ख़ुश हो के पियो कुछ न ... सर सलामत है तो रौज़न भी ब... >> तुम हवस-परस्तों के सैंकड़ों ख़ुदा ठहरे एक है ख़ुदा अपना दूसरा नहीं रखते Share on: