तुम ही क्या जज़्ब हो गए मुझ में By Sher << नहीं है शिकवा अगर वो नज़र... कम नहीं जल्वागरी में, तिर... >> तुम ही क्या जज़्ब हो गए मुझ में नाम लेता हूँ बार बार अपना Share on: