तुम नज़र क्यूँ चुराए जाते हो By तग़ाफ़ुल, Sher << तुम यूँ सियाह-चश्म ऐ सजन ... तुझ हुस्न के बाग़ में सिर... >> तुम नज़र क्यूँ चुराए जाते हो जब तुम्हें हम सलाम करते हैं Share on: