तुम पे इल्ज़ाम न आ जाए सफ़र में कोई By Sher << कमरे में फैलता रहा सिगरेट... मत मुँह से 'निसार'... >> तुम पे इल्ज़ाम न आ जाए सफ़र में कोई रास्ता कितना ही दुश्वार हो ठहरा न करो Share on: