तुम उन को सज़ा क्यूँ नहीं देते कि जिन्हों ने By Sher << जी तो ये चाहता है मर जाएँ खेतियाँ छालों की होती थीं... >> तुम उन को सज़ा क्यूँ नहीं देते कि जिन्हों ने मुजरिम का ज़मीर और सुकूँ लूट लिया है Share on: