तुम्हारे हिज्र में क्यूँ ज़िंदगी न मुश्किल हो By मोहब्बत, इश्क़, हिज्र, जुदाई, Sher << अजब चलन है ये बाज़ार-ए-इश... बरसों भटका किया और फिर भी... >> तुम्हारे हिज्र में क्यूँ ज़िंदगी न मुश्किल हो तुम्हीं जिगर हो तुम्हीं जान हो तुम्हीं दिल हो Share on: