तुम्हारे नाम के नीचे खिंची हुई है लकीर By Sher << ख़ुश-लिबासी है बड़ी चीज़ ... बुज़-दिली होगी चराग़ों को... >> तुम्हारे नाम के नीचे खिंची हुई है लकीर किताब-ए-ज़ीस्त है सादा इस इंदिराज के ब'अद Share on: