ख़ुश-लिबासी है बड़ी चीज़ मगर क्या कीजे By Sher << हुस्न-ए-अमल में बरकतें हो... तुम्हारे नाम के नीचे खिंच... >> ख़ुश-लिबासी है बड़ी चीज़ मगर क्या कीजे काम इस पल है तिरे जिस्म की उर्यानी से Share on: