तुम्हारे साथ मिरे मुख़्तलिफ़ मरासिम हैं By Sher << हम न कहते थे हँसी अच्छी न... शंकर बना के लोग मुझे पूजत... >> तुम्हारे साथ मिरे मुख़्तलिफ़ मरासिम हैं मिरी वफ़ा पे कभी इन्हिसार मत करना Share on: