तुम्हारी याद का मरहम बनाम-ए-दिल कर दूँ By Sher << जाम-ए-अक़ीक़ ज़र्द है नर्... हर सम्त सब्ज़ा-ज़ार बिछान... >> तुम्हारी याद का मरहम बनाम-ए-दिल कर दूँ तमाम हिज्र के ज़ख़्मों को मुंदमिल कर दूँ Share on: