तुम्हें साहिल की हसरत है हमें तूफ़ाँ से लड़ना है By Sher << तेरी तो 'बिल्क़ीस'... हम से पूछो कि ग़ज़ल क्या ... >> तुम्हें साहिल की हसरत है हमें तूफ़ाँ से लड़ना है चलो बेहतर किया तुम ने किनारा कर लिया हम से Share on: