तुराब-ए-पा-ए-हसीनान-ए-लखनऊ है ये By Sher << उल्फ़त ने तिरी हम को तो र... मुझी को वाइज़ा पंद-ओ-नसीह... >> तुराब-ए-पा-ए-हसीनान-ए-लखनऊ है ये ये ख़ाकसार है 'अख़्तर' को नक़्श-ए-पा कहिए Share on: