टूटी है ये कश्ती तो मिरे साथ सफ़र को By Sher << उस का होना भी भरी बज़्म म... तमाम रंग अधूरे लगे तिरे आ... >> टूटी है ये कश्ती तो मिरे साथ सफ़र को वो जान-ए-मसाफ़त मिरा तय्यार हुआ है Share on: