उड़ चला वो इक जुदा ख़ाका लिए सर में अकेला By Sher << किस क़दर हिज्र में बेहोशी... तिलिस्म-ए-ख़्वाब से मेरा ... >> उड़ चला वो इक जुदा ख़ाका लिए सर में अकेला सुब्ह का पहला परिंदा आसमाँ भर में अकेला Share on: