उदासियाँ हैं जो दिन में तो शब में तन्हाई By Sher << उसी को दश्त-ए-ख़िज़ाँ ने ... तिरी तलाश में निकले तो इत... >> उदासियाँ हैं जो दिन में तो शब में तन्हाई बसा के देख लिया शहर-ए-आरज़ू मैं ने Share on: