उजालती नहीं अब मुझ को कोई तारीकी By Sher << हुस्न की दौलत उस की है और... ख़ुद अपने आप से लर्ज़ां र... >> उजालती नहीं अब मुझ को कोई तारीकी सँवारता नहीं अब कोई हादसा मुझ को Share on: