उल्फ़त में तिरी ऐ बुत-ए-बे-मेहर-ओ-मोहब्बत By Sher << ये बात सच है कि वो ज़िंदग... ज़हर मीठा हो तो पीने में ... >> उल्फ़त में तिरी ऐ बुत-ए-बे-मेहर-ओ-मोहब्बत आया हमें इक हाथ से ताली का बजाना Share on: