उम्र-ए-रफ़्ता जा किसी दीवार के साए में बैठ By जुस्तुजू, Sher << वो चाहता है कि हम उस की द... की है सरगोशी सर-ए-शाम मिर... >> उम्र-ए-रफ़्ता जा किसी दीवार के साए में बैठ बे-सबब की ख़्वाहिशें हैं और घर की जुस्तुजू Share on: