उन से बचना कि बिछाते हैं पनाहें पहले By Sher << टहनी पे ख़मोश इक परिंदा चुप हो गए तेरे रोने वाले >> उन से बचना कि बिछाते हैं पनाहें पहले फिर यही लोग कहीं का नहीं रहने देते Share on: