उँगलियाँ घिस गईं याँ हाथों को मलते मलते By Sher << ख़िज़्र से कह दो कि आ कर ... मैं तिरे दाएँ बाएँ रहता ह... >> उँगलियाँ घिस गईं याँ हाथों को मलते मलते लेकिन अफ़्सोस नविश्ता न मिटा क़िस्मत का Share on: