ख़िज़्र से कह दो कि आ कर देख लें आब-ए-हयात By Sher << तलाक़ दे तो रहे हो इताब-ओ... उँगलियाँ घिस गईं याँ हाथो... >> ख़िज़्र से कह दो कि आ कर देख लें आब-ए-हयात धोए जाते हैं निचोड़े जाएँगे गेसू-ए-दोस्त Share on: