उन्हें आँखों ने बेदर्दी से बे-घर कर दिया है By Sher << फ़रिश्ते देख रहे हैं ज़मी... दिल तोड़ने वाले को ख़बर ह... >> उन्हें आँखों ने बेदर्दी से बे-घर कर दिया है ये आँसू क़हक़हा बनने की कोशिश कर रहे थे Share on: