उस के ख़त रात भर यूँ पढ़ता हूँ By Sher << वो जिस ने आँख अता की है द... ऊँचे नीचे घर थे बस्ती में... >> उस के ख़त रात भर यूँ पढ़ता हूँ जैसे कल इम्तिहान हो मेरा Share on: