उस की ख़मोशियों में निहाँ कितना शोर था By Sher << क़लंदरी मिरी पूछो हो दोस्... आज आया है अपना ध्यान हमें >> उस की ख़मोशियों में निहाँ कितना शोर था मुझ से सिवा वो दर्द का ख़ूगर लगा मुझे Share on: