उस को ख़िज़ाँ के आने का क्या रंज क्या क़लक़ By Sher << वो बादा-नोश हक़ीक़त है इस... तोड़ा है दम अभी अभी बीमार... >> उस को ख़िज़ाँ के आने का क्या रंज क्या क़लक़ रोते कटा हो जिस को ज़माना बहार का Share on: