उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ By Sher << वफ़ा तुझ से ऐ बेवफ़ा चाहत... उन को याँ वादे पे आ लेने ... >> उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास Share on: