उस शहर में कितने चेहरे थे कुछ याद नहीं सब भूल गए By Sher << ज़िंदगी क्या है अनासिर मे... ज़र्द पत्ते में कोई नुक़्... >> उस शहर में कितने चेहरे थे कुछ याद नहीं सब भूल गए इक शख़्स किताबों जैसा था वो शख़्स ज़बानी याद हुआ Share on: