उश्शाक़ के आगे न लड़ा ग़ैरों से आँखें By Sher << अहल-ए-नसीहत जितने हैं हाँ... नसीब उस के शराब-ए-बहिश्त ... >> उश्शाक़ के आगे न लड़ा ग़ैरों से आँखें डर है कि न हो जाए लड़ाई तिरे दर पर Share on: