नसीब उस के शराब-ए-बहिश्त होवे मुदाम By Sher << उश्शाक़ के आगे न लड़ा ग़ै... शेर-ओ-सुख़न का शहर नहीं य... >> नसीब उस के शराब-ए-बहिश्त होवे मुदाम हुआ है जो कोई मूजिद शराब-ख़ाने का Share on: