उसी ने मुझ पे उठाए हैं संग जिस के लिए By घर, Sher << ये रूह रक़्स-ए-चराग़ा... तुझ से बिछड़ूँ तो कोई फूल... >> उसी ने मुझ पे उठाए हैं संग जिस के लिए मैं पाश पाश हुआ घर निगार-ख़ाना हुआ Share on: