उठा लेने से तो दिल के रहा मैं By Sher << 'वहशत' सुख़न ओ लु... तुम्हारा मुद्दआ ही जब समझ... >> उठा लेने से तो दिल के रहा मैं तू अब ज़ालिम वफ़ा कर या जफ़ा कर Share on: