उठा सकते नहीं जब चूम कर ही छोड़ना अच्छा By Sher << दिलों का फ़र्श है वाँ पाँ... जावे थी जासूसी-ए-मजनूँ को... >> उठा सकते नहीं जब चूम कर ही छोड़ना अच्छा मोहब्बत का ये पत्थर इस दफ़ा भारी ज़ियादा है Share on: